सुबह सूरज की लाली में
होता है सिंदूर
और पीला होकर
दिखता है
किसी सुहागन के माथे पर
सोने की टिकिया की तरह
मुंह अंधेरे उठकर सोचा
चुरा लाऊं
सुबह के सूरज से
चुटकी भर सिंदूर, और
थोड़ा सा सोना
किसी सुहागन के माथे पर
टिकिया के लिए
सूरज निकलने से पहले ही
ब्रेकिंग न्यूज़ में
बता रही थी कंका
सड़के हैं लाल
आततायी लूट के ले गये
सूरज की- लाली, सोना और सुहाग
लोगों को दी जा रही थी हिदायत
कि घरों से बाहर ना निकलें
अगली सूचना तक.
होता है सिंदूर
और पीला होकर
दिखता है
किसी सुहागन के माथे पर
सोने की टिकिया की तरह
मुंह अंधेरे उठकर सोचा
चुरा लाऊं
सुबह के सूरज से
चुटकी भर सिंदूर, और
थोड़ा सा सोना
किसी सुहागन के माथे पर
टिकिया के लिए
सूरज निकलने से पहले ही
ब्रेकिंग न्यूज़ में
बता रही थी कंका
सड़के हैं लाल
आततायी लूट के ले गये
सूरज की- लाली, सोना और सुहाग
लोगों को दी जा रही थी हिदायत
कि घरों से बाहर ना निकलें
अगली सूचना तक.
मजा आ गया । आप इतने आसानी से कविताओ के मध्यम से संवाद साधते हे के में तो आप का फऍन बन गया
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